बहुत समय पहले की बात है किसी गांव में एक किसान रहता था उस किसान की एक बहुत सुंदर बेटी थी। दुर्भाग्यवश गांव के जमींदार से उसने बहुत सारा कर्ज ले लिया था । जमिंदार बूढ़ा और कुरूप था।
किसान की सुंदर बेटी को देखकर सोचा क्यूं न कर्जे के बदले किसान
के सामने मैं उसकी बेटी से शादी का प्रस्ताव रखूं।
जमिंदार किसान के पास गया और उसने कहा तुम अपनी बेटी का विवाह मेरे साथ कर दो बदले में मैं तुम्हारा सारा कर्ज माफ कर दूंगा।
जमिंदार की बात सुनकर किसान की और उसकी बेटी के होश उड़ गए। तब जमिंदार ने कहा चलो गांव की पंचायत के पास चलते है वो
जो भी फैसला लेंगे वो हम दोनों को मानना पड़ेगा।
वे लोग पंचायत के पास जाकर अपनी सारी बात सुनाई उनकी बात सुनकर पंचायत ने थोडा सोच विचार कर कहा
यह मामला बड़ा उलझा हुआ है अतः हम इसका फैसला किसमत पर छोड़ते है। जमिंदार सामने पड़े सफ़ेद और काले पड़े रोड़ो के ढेर से एक काला और एक सफ़ेद रोड़ा उठाकर एक थैली में रख देगा फिर लड़की बिना देखे उस थैले से एक रोड़ा उठाएगी, और उस आधार पर उसके पास तिन विकल्प होंगे:-
१) अगर वह काला रोड़ा उठाती हैं तो उसे जमिंदार से शादी करनी पड़ेगी और उसके पिता का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
२) अगर वह सफ़ेद पत्थर उठाती हैं तो उसे जमिंदार से शादी नहीं करनी पड़ेगी और उसके पिता का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
३) अगर लड़की पत्थर उठाने से मना करती है तो उसके पिता को जेल भेज दिया जाएगा।
पंचायत के आदेश के अनुसार जमिंदार झुका और उसने दो पत्थर उठा लिया। जब वह पत्थर उठा रहा था तब किसान की बेटी ने देखा कि उसने चुपके से दोनों ही काले पत्थर उठाए है और थैली में डाल दिया है।
लड़की इस स्थिति से घबराए बिना सोचने लगी कि वह इस परिस्थिति से निपटने के लिए क्या कर सकती हैं
१) वह पत्थर उठाने से मना कर दें और पिता को जेल जाने दे।
२) सबको बता दें कि जमिंदार ने दोनों काले पत्थर उठाए हैं और धोखा दे रहा है।
३) वह चुप रह कर काला पत्थर उठा ले और अपने पिता को कर्ज से बचाने के लिए शादी कर ले।
यह सोचते- सोचते तभी उसके मन में एक अच्छा उपाय सुझा उसनेे थैले में अपना हाथ डाला और एक पत्थर अपने हाथ में ले लिया और बिना पत्थर की तरफ देखे उसे फिसलने का नाटक किया उसका पत्थर अब हजारों पत्थर के ढेर में जा गिरा था।
लड़की ने कहा:- मैं कितनी लापरवाह हुं जो मुझसे यह पत्थर निचे गिर गया। लेकिन कोई बात नहीं आप थैले के अंदर देख लिजिए कि कौन सा पत्थर बचा हुआ है, तब आपको पता चल जाएगा कि मैंने कौन सा पत्थर उठाया था जो मेरे हाथ से गिर गया।
थैले में काला पत्थर था तो सभी ने मान लिया कि लड़की ने सफ़ेद रंग का पत्थर उठाया था। जमिंदार के भीतर इतना साहस नहीं था कि वह अपनी चोरी मान ले। लड़की ने अपनी समझ से असंभव को संभव कर दिखाया।
दोस्तों हमारे जीवन में भी कई बार ऐसी परिस्थिति आति है जहां सब कुछ धुंधला दिखाई देता है, हर रास्ता नाकामयाबी की ओर जाता महसूस होता है पर ऐसे समय में हम परमपरा से हट कर सोचने का प्रयास करे तो उस लड़की की तरह अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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