hum yeha per kahaniya hindi me, Quotes hindi me, health ki jankari hindi me, jivani famous person ki hindi our bahut si jankari dene ki koshish karegye

Breaking

5/21/2019

a small Story In Hindi - Shek chilli ki kahani


  • Story In Hindi - Shek chilli ki kahani

     शेखचिल्ली का नुक़सान
    Story In Hindi for kids  - Shek chilli ki kahani



मेरी तो समझ में नहीं आता, अम्मी कि मैं क्या काम करूँ? मैं तो किसी तरह की दस्तकारी भी नहीं जानता। बेटे, तुम्हारे अब्बाजान अब बूढ़े हो गए हैं। तुम्हें कोई-न-कोई काम-धंधा जरूर करना चाहिए। तुम ऐसा कहती हो तो ठीक है। मैं काम की तलाश में जाता हूँ। जाओ। अम्मी ने कहा।
 
जा रहा हूँ। पर मुझे बढ़िया- सा खाना खिलाओ। मैं खा-पीकर ही जाऊँगा। शेखचिल्ली बोला।  अभी बनाए देती हूँ। अम्मी ने उत्तर दिया। शेखचिल्ली की माँ ने उसके लिए बढ़िया-बढ़िया पकवान बनाए और उन्हें खिला-पिलाकर उसे नौकरी की तलाश में भेज दिया। शेखचिल्ली मस्ती में झूमता हुआ घर से निकल पड़ा। उसके दिमाग में नौकरी या मजदूरी के सिवा कोई बात नहीं थी।
 
 वह घर से बहुत दूर निकल गया। एक जगह रास्ते में उसे एक सेठ मिला। वह घी का हंडा सिर पर लिए जा रहा था। बोझ के कारण सेठ के कदम लड़खड़ा रहे थे। सेठ ने उसे देखते ही कहा, ए भाई मजदूरी करोगे? बिलकुल करूँगा। बंदा तो मजदूरी की तलाश में है ही। तो मेरा यह हंडा ले चलो। इसमें घी है। घी बिखर न जाए तुम इसे मेरे घर तक पहुँचा दोगे तो मैं तुम्हें एक अधन्ना दूँगा। 

सिर्फ एक अधन्ना चिल्ली ने पूछा। हाँ, सेठ ने उत्तर दिया। लाओ सेठजी, मैं ही लिए चलता हूँ। पहली बार मजदूरी कर रहा हूँ, दो पैसे कम ही सही। शेखचिल्ली ने कहा। और उसने सेठ का घी से भरा हुआ वह बड़ा बर्तन अपने सिर पर रख लिया। सिर पर घी का बर्तन रखकर शेखचिल्ली उस सेठ के साथ चल दिया।  

 चलते-चलते शेखचिल्ली सोचने लगा, यह सेठ मुझे दो पैसे देगा। दो पैसे यानी आधा आना। आधा आना यानी कि दो पैसे उनमें एक मुर्गी और एक मुर्गे का चूज़ा खरीदा जा सकता है। वे चूज़े बड़े होंगे। एक बड़ी मुर्गी और मुर्गा। मुर्गी अंडे देगी। वह रोज अंडे देगी। खूब चूज़े बनेंगे। कुछ दिनों में बहुत-सी मुर्गियाँ हो जाएँगी। ढेरों मुर्गियाँ हो जाएँगी तो वे और अंडे दिया करेंगी। अंडे बेचने से मुझे बहुत आमदनी होगी।
 
 फिर तो पैसों की कमी ही नहीं रहेगी। अपने लिए एक शानदार घर बनाऊँगा। बहुत-सी जमीन खरीदूँगा। भैंसे खरीदकर डेरी बनाऊँगा। दूध बेचूँगा। दूध और अंडों का थोक व्यापारी बन जाऊँगा तो पूरे इलाके में मेरी धाक जम जाएगी। सब लोग मेरा माल पसंद करेंगे और खरीदेंगे। व्यापार चल निकलेगा।
 
 उन मुर्गियों को बेचकर एक बकरी खरीद लूंगा। बकरी से बहुत सी बकरियां होंगी उन बकरियों को बेचकर एक गाय खरीदूंगा। उस गाय से बहुत सी गायें पैदा होंगी। उन्हें बेचकर घोडी से बहुत सी घोड़ियाँ पैदा होंगी। उन सबको बेचकर बहुत से रूपये मिलेंगे। तब मैं अपना मकान बनाऊंगा। फिर एक घोड़े पर बैठकर बाजार में सैर करने निकालूँगा। फिर कारोबार करके बहुत सी दौलत पैदा करूंगा। फिर घर में ठाठ से शाम को बैठक में हुक्का गुद्गुदौंगा, औरत बच्चों को मेरे पास खाना खाने के लिये भेजेगी।
 
उस वक्त मैं हुक्का गुडगुडाते हुए जोरों से सिर हिलाकर कहूंगा-अभी खाना नहीं खाउंगा। शेखचिल्ली ने ज्योंही अपने ख्यालों में जोरों से सिर हिलाया कि वह मटका सिर पर से गिरकर फूट गया और अंदर का सारा सामान मिट्टी में गिरकर खराब हो गया। इस अपर उस आदमी ने शेखचिल्ली की अच्छी खासी मरम्मत की। शेखचिल्ली का सपना टूट गया।


money vs family story click here

story five minutes more click here

 




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें